
आप्रवासन और विदेशी विधेयक 2025 पर विवाद .
नई दिल्ली, 27 मार्च 2024 – भारत के आप्रवासन नियमों को आधुनिक बनाने वाले आप्रवासन और विदेशी विधेयक, 2025 पर लोकसभा में गहन बहस छिड़ गई है। विपक्षी सांसदों ने आप्रवासन अधिकारियों को “मनमानी शक्तियाँ” देने वाले प्रावधानों पर आपत्ति जताते हुए विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति (JPC) में भेजने की मांग की है।
मुख्य चिंताएँ: मनमानी शक्तियाँ और सुरक्षा उपायों का अभाव
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने विधेयक में अपील तंत्र की कमी को रेखांकित किया, जबकि अमेरिका और कनाडा जैसे देशों में आप्रवासन न्यायाधीशों द्वारा निर्णयों की समीक्षा की जाती है। इस प्रस्तावित कानून के तहत, आप्रवासन अधिकारियों के निर्णय अंतिम होंगे, जिसके खिलाफ केवल उच्च न्यायालय या सुप्रीम कोर्ट में ही अपील की जा सकेगी। तिवारी ने चेतावनी दी कि “क्षतिग्रस्त” पासपोर्ट जब्त करने का अस्पष्ट प्रावधान दुरुपयोग को बढ़ावा दे सकता है।
सपा के राजीव राय और तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने राष्ट्रीय सुरक्षा और समिति की समीक्षा पर जोर दिया। राय ने कहा, “समिति की जाँच से कानून मजबूत होगा।”
गिरफ्तारी की शक्तियाँ और अनुपालन बोझ
विधेयक में हेड कांस्टेबल को संदिग्ध विदेशियों को गिरफ्तार करने का अधिकार दिया गया है, जिसे तिवारी ने इंस्पेक्टर रैंक तक सीमित करने की मांग की। जाली दस्तावेजों के लिए सजा (2–7 साल की जेल, ₹1–10 लाख जुर्माना) और अवैध प्रवेश (5 साल तक की जेल, ₹5 लाख जुर्माना) को भी चिंताजनक बताया गया।
10 साल में हमारा अर्थतंत्र 11वें नंबर से 5वें नंबर पर पहुंच गया है। पूरी दुनिया के अर्थतंत्र की सूची में भारत एक ब्राइट स्पॉट बनकर उभरा है।
– केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री @AmitShah जी#ImmigrationReformsForBharat pic.twitter.com/V0rgNWedq9
— VD Sharma (@vdsharmabjp) March 27, 2025
सरकार का रुख: कानूनों का सरलीकरण, सुरक्षा बढ़ाना
सरकार का दावा है कि यह विधेयक चार पुराने कानूनों (1920–2000) को हटाकर राष्ट्रीय सुरक्षा और पर्यटन को संतुलित करेगा। इसमें डिजिटल वीज़ा, एयरलाइन यात्री सूची का अनिवार्यीकरण, और अवैध आप्रवासन रोकने के उपाय शामिल हैं।
भारत एक भू- सांस्कृतिक राष्ट्र हैं, भू- राजनीतिक राष्ट्र नहीं…
भारत के शरणार्थियों के प्रति एक इतिहास रहा है कि पर्सिया से आक्रांताओं ने भागा दिया और पारसी दुनिया में कहीं नहीं गए, भारत में आए और आज भी सुरक्षित हैं।#ImmigrationReformsForBharat pic.twitter.com/amsJaPp41C
— Riti Pathak (@RitiPathakSidhi) March 27, 2025
वर्तमान वीज़ा नियम और प्रतिबंधित क्षेत्र
भारत 167 देशों को ई-वीज़ा देता है, जबकि जापान, दक्षिण कोरिया और UAE के नागरिकों को 6 हवाई अड्डों पर वीज़ा-ऑन-अराइवल सुविधा है। 180 दिन से अधिक ठहरने वाले विदेशियों को स्थानीय पंजीकरण कराना अनिवार्य है। पूर्वोत्तर, जम्मू-कश्मीर और अन्य क्षेत्रों में विशेष अनुमति के बिना प्रवेश वर्जित है।
आगे की राह
2023–24 में 98.4 लाख विदेशियों के आगमन के साथ, यह विधेयक पर्यटन और सुरक्षा के लिए अहम है। सरकार आधुनिकीकरण पर जोर दे रही है, जबकि विपक्ष JPC की समीक्षा की मांग कर रहा है। गृह मंत्री अमित शाह का रुख तय करेगा कि विधेयक तेजी से पास होगा या समिति में जाएगा।
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